आकर्षक प्रस्ताव: क्या आप अपनी आर्थिक समस्याओं का स्थायी समाधान चाहते हैं?
क्या आप भी उन लोगों में से हैं जो दिन-रात मेहनत करते हैं, लेकिन महीने के अंत में हाथ खाली रह जाते हैं? क्या कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है, अवसर हाथ से फिसल रहे हैं और ऐसा महसूस होता है कि आपकी तरक्की के रास्ते किसी ने बांध दिए हैं? यदि आपके जीवन में भी आर्थिक तनाव, चिंता और निराशा ने घर कर लिया है, तो यह लेख आपके लिए एक दिव्य प्रकाश की किरण लेकर आया है। यह केवल एक लेख नहीं, बल्कि एक ऐसा मार्गदर्शन है जो आपको प्राचीन भारतीय ऋषियों द्वारा दी गई एक शक्तिशाली आध्यात्मिक तकनीक से परिचित कराएगा।
हमारे शास्त्रों में जीवन के चार पुरुषार्थ बताए गए हैं – धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष । इनमें ‘अर्थ’ अर्थात् धन-संपत्ति को एक महत्वपूर्ण स्तंभ माना गया है, क्योंकि एक स्थिर आर्थिक जीवन के बिना अन्य पुरुषार्थों को साधना भी कठिन हो जाता है। अक्सर लोग मंत्र-साधना को अंधविश्वास मानकर खारिज कर देते हैं, लेकिन यह एक गूढ़ आध्यात्मिक विज्ञान है, जो आपकी ऊर्जा को ब्रह्मांड की सकारात्मक शक्तियों के साथ संरेखित करने का काम करता है । यह कोई जादुई छड़ी नहीं, बल्कि 7 दिनों का एक अनुशासित अनुष्ठान है, एक ऐसी यात्रा है जो आपके भीतर और बाहर की दरिद्रता को जड़ से मिटाने की क्षमता रखती है। आइए, उस गुप्त विधि और शक्तिशाली मंत्र को जानें, जो आपके जीवन में धन के बंद दरवाजों को हमेशा के लिए खोल सकता है।

विश्वास का विज्ञान: मंत्र कैसे धन को आकर्षित करते हैं?
यह समझना आवश्यक है कि मंत्र केवल कुछ शब्दों का समूह नहीं हैं, बल्कि ये एक शक्तिशाली आध्यात्मिक विज्ञान पर आधारित हैं। इनकी शक्ति दो प्रमुख सिद्धांतों पर काम करती है: ध्वनि का कंपन और साधक का संकल्प। जब ये दोनों मिल जाते हैं, तो चमत्कार घटित होते हैं।
ध्वनि कंपन की शक्ति
संपूर्ण ब्रह्मांड ऊर्जा और कंपन से बना है। प्राचीन ऋषियों ने गहन ध्यान और साधना से यह खोजा कि कुछ विशेष ध्वनियाँ या ‘मंत्र’ ब्रह्मांडीय ऊर्जा के साथ एक विशेष आवृत्ति पर प्रतिध्वनित होते हैं । जब आप किसी मंत्र का बार-बार जाप करते हैं, तो आप केवल शब्द नहीं बोल रहे होते, बल्कि अपने चारों ओर एक शक्तिशाली ऊर्जा क्षेत्र, एक ‘आभामंडल’ (Aura) का निर्माण कर रहे होते हैं ।
यह प्रक्रिया एक व्यवस्थित क्रम में काम करती है। सबसे पहले, मंत्र के विधि-विधान से किए गए जाप से विशिष्ट ध्वनि तरंगें उत्पन्न होती हैं। ये तरंगें आपके आभामंडल में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा, जैसे- निराशा, भय, और दुर्भाग्य, को नष्ट करना शुरू कर देती हैं। जब नकारात्मकता का अंधकार छँटता है, तो सकारात्मक ऊर्जा का संचार स्वाभाविक रूप से होने लगता है । यह सकारात्मक ऊर्जा एक चुंबक की तरह काम करती है, जो आपके जीवन में अच्छे अवसर, सहायक लोग और धन के नए स्रोतों को आकर्षित करती है। यह केवल बाहरी आकर्षण नहीं है; यह आपके भीतर भी एक मनोवैज्ञानिक बदलाव लाता है। आपका आत्मविश्वास बढ़ता है, भय कम होता है और आप समस्याओं के बजाय समाधान पर ध्यान केंद्रित करने लगते हैं । इस प्रकार, मंत्र जाप आपको ब्रह्मांड की प्रचुरता की ऊर्जा के साथ संरेखित करता है, जिससे धन-वर्षा की स्थिति बनती है।
संकल्प और श्रद्धा का महत्व
मंत्र की शक्ति को पूरी तरह से जाग्रत करने के लिए दो चीजें अत्यंत महत्वपूर्ण हैं – संकल्प (Intention) और श्रद्धा (Faith)। इनके बिना मंत्र जाप एक यांत्रिक क्रिया बनकर रह जाता है, जिसका पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता ।
संकल्प (Sankalpa): साधना शुरू करने से पहले एक स्पष्ट और सकारात्मक इरादा निर्धारित करना ‘संकल्प’ कहलाता है । जब आप यह संकल्प लेते हैं कि “मैं यह साधना अपनी आर्थिक उन्नति के लिए कर रहा हूँ,” तो आप अपनी चेतना और मंत्र की ऊर्जा को एक নির্দিষ্ট लक्ष्य की ओर निर्देशित कर देते हैं। यह एक शक्तिशाली संदेशवाहक को सही पता देने जैसा है।
श्रद्धा (Shraddha): श्रद्धा का अर्थ है अटूट विश्वास। जब आप पूरे विश्वास के साथ साधना करते हैं, तो आप अपने मन से संदेह को मिटा देते हैं। संदेह एक नकारात्मक ऊर्जा है जो परिणामों को रोक सकती है। श्रद्धा आपको एक ग्रहणशील अवस्था में लाती है, जिससे आप दैवीय कृपा को अपने जीवन में प्रवेश करने की अनुमति देते हैं। यह समझना महत्वपूर्ण है कि यह साधना आप अपने स्वयं के सशक्तिकरण के लिए कर रहे हैं, देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए नहीं। जैसा कि एक ज्ञानी ने कहा है, “साधना हमें अपने लिए करना है, सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने के लिए। देवी-देवता एक माध्यम हैं” । वे उन ब्रह्मांडीय ऊर्जाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं जिन्हें आप जाग्रत करना चाहते हैं। यह साधना आपको एक याचक से अपने भाग्य के निर्माता के रूप में स्थापित करती है।
परम धनदायक मंत्र: अष्टलक्ष्मी और कुबेर की संयुक्त शक्ति
शास्त्रों में अनगिनत धनदायक मंत्रों का वर्णन है, लेकिन जिस मंत्र की हम यहां चर्चा कर रहे हैं, वह अपनी संरचना में अद्वितीय और अत्यंत शक्तिशाली है। यह अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र है, जो धन की देवी महालक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की संयुक्त शक्तियों का आवाहन करता है।
मंत्र और उसका सरल अर्थ
यह शक्तिशाली मंत्र इस प्रकार है:
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट−लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥
यह मंत्र देवनागरी लिपि में कई स्रोतों में पाया जाता है ।
सरल अर्थ: “हे महामाया की शक्ति (ह्रीं), हे धन और समृद्धि की देवी महालक्ष्मी (श्रीं), हे नकारात्मकता का नाश करने वाली शक्ति (क्रीं)! मैं धन के देवता कुबेर और माँ लक्ष्मी के आठों स्वरूपों (अष्ट-लक्ष्मी) का आवाहन करता हूँ। कृपया मेरे घर (मम गृहे) को धन-धान्य से भर दें, उसे हर प्रकार से परिपूर्ण कर दें (पुरय पुरय)। मैं आपको नमन करता हूँ (नमः)।” ।
यह मंत्र केवल धन की प्रार्थना नहीं है, बल्कि यह एक संपूर्ण वित्तीय समाधान का आवाहन है। शास्त्रों में माँ लक्ष्मी को धन की देवी कहा गया है, जो धन प्रदान करती हैं, लेकिन उन्हें ‘चंचला’ भी कहा गया है, अर्थात् वह एक स्थान पर स्थिर नहीं रहतीं । वहीं, भगवान कुबेर को देवताओं का कोषाध्यक्ष (Treasurer) और धन का संरक्षक माना जाता है । वह धन को स्थिरता प्रदान करते हैं। इस प्रकार, यह मंत्र दो प्रमुख आर्थिक समस्याओं का समाधान करता है: पहला, धन का अभाव (जिसे माँ लक्ष्मी दूर करती हैं) और दूसरा, धन का न रुकना (जिसे भगवान कुबेर की कृपा से स्थिरता मिलती है)। यह मंत्र धन के आगमन और उसके स्थायी निवास, दोनों के लिए एक अचूक उपाय है।

बीज मंत्रों का रहस्य
इस मंत्र की वास्तविक शक्ति इसके भीतर छिपे बीज मंत्रों में है। बीज मंत्र एक-अक्षरीय ध्वनियाँ हैं जिनमें अपार ब्रह्मांडीय ऊर्जा समाहित होती है।
- ॐ (Om): यह ब्रह्मांड की आदि ध्वनि है, जो सृजन का प्रतीक है। यह मन को शांत और एकाग्र करता है और पूरे मंत्र को ऊर्जावान बनाता है ।
- ह्रीं (Hreem): यह महामाया या भुवनेश्वरी का बीज मंत्र है, जो शिव की शक्ति का प्रतीक है। यह सृजन, पालन और संहार की देवीय स्त्री ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है। यह मंत्र दुखों और बाधाओं को दूर कर समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है ।
- श्रीं (Shreem): यह धन और समृद्धि के लिए सबसे प्रसिद्ध बीज मंत्र है। इसका सीधा संबंध माँ लक्ष्मी से है। यह प्रचुरता, सौभाग्य, सौंदर्य और दैवीय कृपा का प्रतीक है। यह वह बीज ध्वनि है जो चुंबक की तरह धन को आकर्षित करती है ।
- क्रीं (Kreem): यह माँ काली का शक्तिशाली बीज मंत्र है। यह नकारात्मकता, भ्रम और बुरी शक्तियों को नष्ट करने की शक्ति रखता है। एक धन मंत्र में इसकी उपस्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह धन से संबंधित गहरी जड़ों वाली बाधाओं और नकारात्मक कर्मों को काटने का काम करता है ।
इन बीज मंत्रों का क्रम भी एक गूढ़ आध्यात्मिक प्रक्रिया को दर्शाता है। यह तीन चरणों में काम करता है: सबसे पहले, ‘क्रीं’ आपकी मौजूदा वित्तीय बाधाओं और नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करता है (मैदान साफ करना)। इसके बाद, ‘ह्रीं’ उस नकारात्मकता से उत्पन्न दुखों और बाधाओं को हटाकर एक स्वच्छ आधार तैयार करता है (नींव तैयार करना)। अंत में, इस स्वच्छ और तैयार नींव पर, ‘श्रीं’ प्रचुरता का बीज बोता है और धन को आकर्षित करता है (फसल बोना और काटना)। यह इस मंत्र को एक साधारण प्रार्थना से कहीं अधिक, एक सटीक आध्यात्मिक तकनीक बनाता है।
सम्पूर्ण 7-दिवसीय अनुष्ठान: चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका
इस मंत्र की पूरी शक्ति को अनुभव करने के लिए, इसका 7 दिनों तक विधि-विधान से अनुष्ठान करना आवश्यक है। यह मार्गदर्शिका आपको हर चरण में मदद करेगी।
साधना से पूर्व तैयारी
- शुभ मुहूर्त (Auspicious Start): इस साधना को किसी भी शुक्रवार (माँ लक्ष्मी का दिन), दिवाली, नवरात्रि या किसी भी शुक्ल पक्ष (चढ़ते चाँद के दिन) में शुरू करना सर्वोत्तम होता है ।
- स्थान और दिशा (Place and Direction): घर में एक शांत और स्वच्छ कोने का चुनाव करें। पूजा करते समय आपका मुख उत्तर (कुबेर की दिशा) या पूर्व (उगते सूर्य की दिशा) की ओर होना चाहिए ।
- शारीरिक और मानसिक शुद्धि (Physical and Mental Purity): प्रतिदिन साधना से पहले स्नान करें और स्वच्छ, धुले हुए वस्त्र धारण करें। लाल, पीले या सफेद वस्त्र विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं । मन को शांत और सकारात्मक रखें।
आवश्यक सामग्री
साधना शुरू करने से पहले निम्नलिखित सामग्री एकत्रित कर लें। यह सूची आपको एक व्यवस्थित और प्रभावी अनुष्ठान करने में मदद करेगी।
सामग्री (Material) | विवरण (Description) | महत्व (Significance) |
प्रतिमा/यंत्र | लक्ष्मी-कुबेर की मूर्ति, फोटो या सिद्ध यंत्र | ध्यान को केंद्रित करने और दैवीय ऊर्जा का आवाहन करने का केंद्र बिंदु |
आसन | लाल या पीले रंग का ऊनी या कुशा का आसन | ऊर्जा को पृथ्वी में विसर्जित होने से रोकता है और साधना की पवित्रता बनाए रखता है |
माला | कमलगट्टे या स्फटिक की 108 मनकों की माला | जाप की सही गणना के लिए। कमलगट्टा माँ लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है और ऋण मुक्ति में सहायक है |
दीपक | गाय के घी का दीपक | अज्ञान और नकारात्मकता के अंधकार को दूर कर ज्ञान और सकारात्मकता का प्रकाश फैलाता है |
धूप/अगरबत्ती | सुगंधित धूप या अगरबत्ती | वातावरण को शुद्ध और पवित्र करने के लिए |
पुष्प | लाल कमल, गुलाब के फूल या कोई भी लाल पुष्प | देवी-देवताओं के प्रति श्रद्धा, प्रेम और समर्पण का प्रतीक |
नैवेद्य | खीर, मिश्री, मौसमी फल या कोई मिठाई | ईश्वर को भोग अर्पित कर उनका धन्यवाद करना और प्रसाद रूप में उनकी कृपा प्राप्त करना |
जल पात्र | तांबे के लोटे में शुद्ध जल और गंगाजल | पवित्रीकरण (आचमन) और संकल्प के लिए आवश्यक |

दैनिक साधना विधि
प्रतिदिन, एक निश्चित समय पर, इस विधि का पालन करें:
- पवित्रीकरण (Purification): अपने आसन पर बैठें। तांबे के लोटे से थोड़ा जल लेकर अपने ऊपर और पूजा की सामग्री पर छिड़कें और तीन बार आचमन करें: `ॐ केशवाय नमः, ॐ नारायणाय नमः, ॐ माधवाय नमः।
- संकल्प (Sankalpa – The Vow): अपने दाहिने हाथ में थोड़ा जल, एक फूल और कुछ चावल के दाने लें। अब अपना नाम, गोत्र (यदि ज्ञात हो), और तिथि बोलकर अपना स्पष्ट इरादा व्यक्त करें: “हे माँ लक्ष्मी, हे भगवान कुबेर, मैं (आपका नाम) अगले 7 दिनों तक पूरी श्रद्धा और निष्ठा से इस मंत्र का (1/5/7/11 माला) जाप करने का संकल्प लेता/लेती हूँ। कृपया मेरी आर्थिक बाधाओं को दूर कर मेरे घर में धन-धान्य की वृद्धि करें।” इसके बाद हाथ की सामग्री को भूमि पर या एक अलग प्लेट में छोड़ दें ।
- गणेश और गुरु आवाहन (Ganesha and Guru Invocation): मुख्य जाप से पहले, बाधाओं को दूर करने के लिए भगवान गणेश का ध्यान करें।
$ॐ\ गं\ गणपतये\ नमः$
मंत्र की एक माला का जाप करें । साथ ही, अपने गुरु या आदि गुरु भगवान शिव का स्मरण करें। - मुख्य मंत्र जाप (The Main Chant): अब कमलगट्टे या स्फटिक की माला से अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र का जाप शुरू करें।
- जाप संख्या (Chant Count): एक शुरुआती साधक के रूप में, आप 1, 3 या 5 माला (1 माला = 108 जाप) से शुरू कर सकते हैं। अधिक गहन साधना के लिए, आप 7, 11 या 21 माला भी कर सकते हैं । सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पहले दिन आप जितनी माला का संकल्प लें, सातों दिन उतनी ही माला का जाप करें।
- आरती और प्रार्थना (Aarti and Prayer): जाप पूरा होने के बाद, माँ लक्ष्मी और भगवान कुबेर की आरती करें । आरती के बाद, कुछ मिनटों के लिए हाथ जोड़कर शांत बैठें। अपनी कृतज्ञता व्यक्त करें और हृदय से प्रार्थना करें। साधना के दौरान हुई किसी भी भूल के लिए क्षमा मांगें।
- प्रसाद वितरण (Distributing Prasad): देवताओं को नैवेद्य अर्पित करें और फिर उसे प्रसाद के रूप में परिवार के सदस्यों में वितरित करें।
साधना के 7 दिनों के नियम और सावधानियां
इस साधना का पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए, 7 दिनों तक कुछ नियमों का पालन करना अनिवार्य है। यह आपकी ऊर्जा को शुद्ध और केंद्रित रखने में मदद करेगा।
- श्रद्धा और सकारात्मकता (Faith and Positivity): इन 7 दिनों में पूर्ण विश्वास बनाए रखें। क्रोध, वाद-विवाद और नकारात्मक बातचीत से बचें। मन को हर समय सकारात्मक और आशावान रखना आवश्यक है ।
- सात्विक आहार (Sattvic Diet): सादा, शाकाहारी भोजन करें। शरीर की ऊर्जा को शुद्ध रखने के लिए शराब, मांसाहार, प्याज और लहसुन जैसे तामसिक खाद्य पदार्थों से दूर रहें ।
- ब्रह्मचर्य (Celibacy): अपनी महत्वपूर्ण जीवन-ऊर्जा (ओजस) को बचाने और उसे आध्यात्मिक लक्ष्य की ओर निर्देशित करने के लिए, 7 दिनों तक ब्रह्मचर्य का पालन करने की दृढ़ता से अनुशंसा की जाती है।
- समय और स्थान की निरंतरता (Consistency of Time and Place): प्रतिदिन एक ही समय और एक ही स्थान पर साधना करने का प्रयास करें। इससे एक ऊर्जा पैटर्न बनता है और मन को एकाग्र करना आसान हो जाता है।
- अहंकार से बचें (Avoid Arrogance): यदि आपको सकारात्मक परिणाम दिखने लगें, तो विनम्रता बनाए रखें। धन प्राप्ति के बाद अहंकार पतन का कारण बन सकता है और प्राप्त आशीर्वाद को छीन सकता है ।
- सातवें दिन समापन (Conclusion on the 7th Day): सातवें दिन, अंतिम पूजा के बाद, अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए किसी जरूरतमंद को कुछ धन, भोजन या वस्त्र दान करें। अपनी माला और यंत्र को निरंतर आशीर्वाद के लिए अपने घर के मंदिर या तिजोरी में रखें ।
निष्कर्ष: समृद्धि के जीवन को अपनाएं
यह 7-दिवसीय अष्टलक्ष्मी कुबेर साधना त्वरित धन के लिए कोई जादुई टोटका नहीं है, बल्कि यह एक गहन आध्यात्मिक अनुशासन और तपस्या है जो आपके आंतरिक जगत को बदलने के लिए डिज़ाइन की गई है, जिसके परिणामस्वरूप आपका बाहरी संसार भी बदल जाता है । यह आपको अभाव की चेतना से निकालकर प्रचुरता की चेतना में स्थापित करने की प्रक्रिया है।
श्रद्धा और अनुशासन के साथ इन 7 दिनों का निवेश करके, आप केवल एक मंत्र का जाप नहीं कर रहे हैं, बल्कि आप सक्रिय रूप से अपने वित्तीय भाग्य को फिर से लिख रहे हैं। आप अपने जीवन में शांति, समृद्धि और दैवीय कृपा के द्वार खोल रहे हैं। यह एक यात्रा है, एक संकल्प है, और आपके उज्जवल भविष्य की ओर पहला कदम है। पूर्ण विश्वास के साथ इस पथ पर चलें, और देखें कि कैसे ब्रह्मांड आपके लिए अपने अनंत खजाने खोल देता है।
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