मुंबई: महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति सरकार की महत्वाकांक्षी और प्रमुख ‘मुख्यमंत्री माझी लाड़ली बहिना योजना’ में अनियमितताएं सामने आने के बाद, एनसीपी (एसपी) की कार्यकारी अध्यक्ष और बारामती सांसद सुप्रिया सुले ने 4,800 करोड़ रुपये के घोटाले का सनसनीखेज आरोप लगाया है। उन्होंने इस मामले में विशेष जांच दल (SIT) से जांच कराने की जोरदार मांग की है। सुले ने योजना के तहत ‘डायरेक्ट बेनिफिशियरी ट्रांसफर’ (DBT) मैकेनिज्म की पारदर्शिता पर भी सवाल उठाए हैं।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने खुद खुलासा किया था कि ‘लाड़ली बहिना योजना’ के तहत 26.34 लाख लोग अपात्र पाए गए हैं। जून की किस्त के लिए इन सभी को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है।
क्या है ‘लाड़ली बहिना योजना’ और क्यों है इतनी अहम?
यह ‘लाड़ली बहिना योजना’ बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार ने 2024 के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले शुरू की थी। इस योजना के तहत, सरकार 21-60 वर्ष की आयु वर्ग की पात्र महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता, आत्मनिर्भरता, स्वास्थ्य और पोषण सहित उनके समग्र विकास के लिए प्रति माह 1,500 रुपये प्रदान करती है। माना जाता है कि इस योजना ने बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को विधानसभा चुनावों में भारी बहुमत से जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
चौंकाने वाला खुलासा: पुरुषों ने भी उठाया योजना का लाभ, करोड़ों का चूना!
मामले की गंभीरता तब और बढ़ जाती है जब यह सामने आया है कि इस योजना का लाभ करीब 14,298 पुरुषों ने लगभग 10 महीनों तक उठाया है। यह राशि चौंकाने वाली 21.44 करोड़ रुपये तक पहुँचती है! सरकार ने कहा है कि इस राशि की वसूली की जाएगी और दोषियों के खिलाफ मामले दर्ज किए जाएंगे।
सुप्रिया सुले के इन आरोपों ने महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल ला दिया है और अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार इस मामले पर क्या कदम उठाती है। क्या SIT जांच की मांग मानी जाएगी और क्या इस कथित बड़े घोटाले का सच सामने आएगा?